शारीरिक शोषण का मामला: बीजेपी नेताओं पर धमकी का आरोप, पार्टी की छवि पर सवाल.. पढ़े पूरी खबर!!

रायगढ़@खबर सार :- छत्तीसगढ़ के खरसिया थाना क्षेत्र में एक नाबालिग युवती के साथ शारीरिक शोषण का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़िता ने ग्राम घघरा निवासी सिद्धांत राठौर, पिता करूण राठौर, पर शादी का झांसा देकर कई वर्षों तक शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। पीड़िता के अनुसार, सिद्धांत राठौर ने 10 जनवरी 2021 को पहली बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए, जब वह मात्र 16 वर्ष की थी और नाबालिग थी। इसके बाद पुरी (ओडिशा) के एक होटल और छाल गांव में किराए के मकान सहित कई स्थानों पर शादी का वादा कर शोषण किया।

पीड़िता ने बताया कि 8 जुलाई 2025 को बालिग होने पर जब उसने सिद्धांत राठौर से शादी की बात की, तो उसने इनकार कर दिया। पीड़िता ने 9 जुलाई 2025 को खरसिया थाने में शिकायत दर्ज करने की कोशिश की, लेकिन थाना प्रभारी ने कथित तौर पर शिकायत दर्ज नहीं की। गंभीर आरोप यह है कि बीजेपी के कुछ स्थानीय नेताओं ने पीड़िता को FIR दर्ज न करने की धमकी दी और मामले को दबाने का दबाव बनाया।

मुख्यमंत्री का महिला सुरक्षा का दावा और बीजेपी की छवि पर सवाल: छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बार-बार महिला सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बताते हैं। हाल ही में, बीजेपी ने विभिन्न योजनाओं और अभियानों के जरिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारे को बढ़ावा दिया है। हालांकि, इस मामले में बीजेपी नेताओं पर लगे धमकी के आरोप पार्टी की इस छवि पर सवाल उठाते हैं। यदि सत्ताधारी पार्टी के नेता ही इस तरह के मामलों में सत्ता का दुरुपयोग करते हैं, तो यह न केवल पीड़िता के न्याय को प्रभावित करता है, बल्कि बीजेपी की विश्वसनीयता को भी नुकसान पहुंचाता है।

क्या होगी कार्रवाई?: पार्टी की छवि को बनाए रखने के लिए बीजेपी का केंद्रीय और राज्य नेतृत्व अतीत में विवादास्पद मामलों में नेताओं को निष्कासित करने जैसे कदम उठा चुका है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 2025 में एक बीजेपी नेता को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े जाने पर पार्टी से निष्कासित किया गया था। इस तरह के मामलों में बीजेपी ने अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का दावा किया है। हालांकि, खरसिया मामले में अभी तक न तो पुलिस ने FIR दर्ज की है और न ही बीजेपी की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है।

यह देखना बाकी है कि क्या मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और बीजेपी नेतृत्व इस मामले में कथित रूप से शामिल नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे, जैसे पार्टी से निष्कासन, या फिर यह मामला राजनीतिक दबाव में दब जाएगा। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन इस मामले में निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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