रायपुर। छत्तीसगढ़ में यूरिया और पोटास की कालाबाजारी का गंदा खेल अब किसानों की कमर तोड़ रहा है। कांकेर जिले के पखांजूर में जब एक युवा पत्रकार ने इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया, तो माफिया और अफसरों की मिलीभगत ने मिलकर उसे ही वसूलीबाज बताकर फंसाने की साजिश रच डाली।
पत्रकार धनंजय चंद को पहले फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई। जब उन्होंने पखांजूर थाने में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस और कृषि विभाग के अफसरों ने माफिया का साथ देते हुए अब उन्हीं पर झूठा मुकदमा थोपने की तैयारी कर ली।
पिछले दिनों कृषि विभाग ने एक ट्रक यूरिया जब्त किया था। लेकिन किसानों को राहत देने और सच उजागर करने की बजाय न तो खाद का सैंपल लिया गया और न जांच हुई। ट्रक को थाने से छुड़ाकर चुपचाप छोड़ दिया गया। और फिर कागजों में मिलावटी खाद को ‘ओके’ कर दिया गया। जब इस घोटाले पर लगातार पत्रकारिता हुई तो अफसर-माफिया की पोल खुलने लगी। अब वही माफिया पत्रकार को रास्ते से हटाने के लिए धमकी और फर्जी केस का सहारा ले रहा है।
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