रायगढ़ : शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे चल रही हैं। ट्रैफिक सिग्नल से प्रतिदिन हजारों गाड़िया गुजरती है। शहर में कई चौक चौराहों पर सिग्नल लगे है। यही नहीं शहर में कई चौक ऐसे है जहां सिग्नल नहीं लगा है। जिससे शहर में तेज रफ्तार गाड़िया चलाने पर भी कार्यवाही नहीं होती। हद तो यह है कि इनमें से भी आधी से ज्यादा लाइट अधिकांश समय खराब या बंद रहती हैं।
शहर के व्यस्त तिराहे पर लगी कई ट्रैफिक लाइट को भी लगाया गया फिर हटाया दिया गया। शहर के व्यस्त चौराहे पर लगी कई ट्रैफिक लाइट यातायात संचालन के काम तो कम और दुर्घटना का कारण ज्यादा बन रही हैं। स्थिति यह है कि शहर की सड़क हो या फिर हाईवे, सभी जगह लगी ट्रैफिक ड्यूटी पर भी नहीं रहते ट्रैफिक जवान। बिजली गुल होने पर ये लाइटें बंद हो जाती हैं वैसे ड्यूटी होने पर भी गुल रहते है ट्रैफिस जवान सहित यातायात थाना प्रभारी भी रहते है गुल। जबकि कभी रेड लाइट होने के बावजूद भी 50 प्रतिशत गाड़िया रुकती है बाकी साइड का रास्ता देख निकल जाती है। परंतु कार्यवाही शून्य..?
यही नहीं, चौराहों के बीच बनाए गए पुलिस बूथ चौक आदि जगह है परंतु बिना जवान के कहा से व्यस्था है दुरुस्त। इससे चौराहों पर अक्सर दुर्घटनाओं की संभावनाएं बनी रहती हैं। शहर में ई-चालान की भी व्यस्था है यातायात विभाग में परंतु रेड सिग्नल जंप की बात हो या नो पार्किंग कभी चालान नहीं काटता। शहर में दिन दहाड़े नो पार्किंग बोर्ड के सामने खड़ी कर दी जाती है गाड़िया परंतु चालान आखिर क्यों नहीं काटा जाता, किया जाता है तो सिर्फ अनदेखा।
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