नारायणपुर में ‘पूना मारगेम’ पहल की बड़ी सफलता: 11 माओवादी कैडरों ने किया आत्मसमर्पण, 5 महिला नक्सली भी शामिल


नारायणपुर, 17 दिसंबर 2025।
छत्तीसगढ़ सरकार की ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल के तहत जिला नारायणपुर में एक अहम और निर्णायक उपलब्धि दर्ज की गई है। बुधवार को कुल 11 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़ते हुए समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वालों में ₹37 लाख के इनामी 5 महिला माओवादी भी शामिल हैं।

आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों में मिलिट्री कम्पनी सदस्य-03, एरिया कमेटी सदस्य (ACM)-01 और पार्टी सदस्य (PM)-07 शामिल हैं। इनमें 6 पुरुष और 5 महिलाएं हैं, जो उत्तर बस्तर, माड़ और जीआरबी डिवीजन क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्यरत थे।

पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रॉबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) के समक्ष सभी माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। पुलिस के अनुसार, अंदरूनी और अति संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा कैम्पों की स्थापना, विकास कार्यों की गति, सड़कों का विस्तार और गांवों तक पहुंचती बुनियादी सुविधाओं से प्रभावित होकर माओवादियों ने यह कदम उठाया।

आत्मसमर्पित सभी कैडरों को तत्काल 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के तहत उन्हें रोजगार, आवास, शिक्षा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

पुलिस अधीक्षक श्री गुड़िया ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक जिले में कुल 298 माओवादी कैडर हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं, जो क्षेत्र में बढ़ते विश्वास, शांति और विकास की दिशा को दर्शाता है।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पत्तिलिंगम ने कहा कि नारायणपुर में लगातार हो रहे आत्मसमर्पण यह संकेत देते हैं कि माओवादी हिंसक विचारधारा अब अंतिम दौर में है। लोग शांति, सम्मान और स्थायी विकास का मार्ग चुन रहे हैं और सरकार व सुरक्षा बल इस दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स) श्री अजय कुमार, विभिन्न केंद्रीय सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, अन्य पुलिस अधिकारी एवं मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।

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